रविवार, 19 जुलाई 2009

वाह वाह नेताजी !!

नमस्कार मित्रो ,
हमारे देश के नेताओ के बारे में कहने को जी नही करता है, पूछे क्यो अरे भाई कुछ अच्छा करे तो लिखे , अब उनकी करनी पर लानत भेजने से कुछ होने वाला तो है नही । खैर आज नारद मुनि जी ने प्रेरित किया तो लिखने बैठ ही गये । हमारे नेता लोग जितना सरकारी धन का दुरूपयोग करते है , उतना दुनिया में शायद ही कही होता होगा। गलती पूरी उन्ही की नही है , हम ही तो उन्हें चुन के भेजते है । अब जब ग़लत लोगो को चुनेगे तो काम भी तो गलत ही करेंगे वो । अब जरा कुछ हमारे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के छेदों पर गौर फरमाए ।
*हमारे यहाँ चुनाव लड़ने की कोई योग्यता निर्धारित नही है , जबकि बिना स्नातक किए कोई पाकिस्तान में चुनाव नही लड़ सकता है ।
* हमारे यहाँ चुनाव प्रत्यासियो का चरित्र का सत्यापन नही किया जाता है, जबकि एक चपरसी की नौकरी लगने पर भी उसका चरित्र सत्यापन जहाँ -जहाँ वो रहा है वहां की पुलिस से करवाया जाता है ।
*आप को किसी प्रत्याशियों को नकारने का कोई प्रावधान नही है।
* हम ख़ुद मतदान के प्रति जबाबदार नही है , मत देना हमर फ़र्ज़ नही है शायद !
और भी कई बातें है मगर आज इतना ही बाकि फ़िर कभी , खैर इन में कुछ सवाल आपके के छुपे है ,उनके जवाब जरुर देना । शुक्रिया नारद जी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

ab apki baari hai, kuchh kahne ki ...

orchha gatha

बेतवा की जुबानी : ओरछा की कहानी (भाग-1)

एक रात को मैं मध्य प्रदेश की गंगा कही जाने वाली पावन नदी बेतवा के तट पर ग्रेनाइट की चट्टानों पर बैठा हुआ. बेतवा की लहरों के एक तरफ महान ब...