सोमवार, 4 जून 2012

भैंस ने दिखाया बाबा विश्वनाथ का रास्ता !

मंदिर का मुख्य द्वार

शीर्षक देखकर  चौंकिएगा  मत !  
ये  बात दो साल पहले की बात है, 
मैं और मेरा छोटा भाई अभिषेक बक्सर से बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए बनारस पहुचे . हम दोनों  पहली बार बनारस गये थे  ,  इसलिए कोई जानकारी  नही थी , खैर स्टेशन से रिक्शा करके बाबा विश्वनाथ जी के दर्शन के लिए पहुचे . रिक्शे वाले ने बाबा विश्वनाथ के मुख्य द्वार पर छोड़ दिया . मुख्य द्वार पर  पुलिस वाले खड़े थे , जब हमने उनसे मंदिर   जाने का रास्ता पूछा तो  अन्दर गली की तरफ इशारा करते हुए  पुलिस वाले ने बताया - अन्दर गली में जो भैंस  जा रही है , उसके पीछे चले जाओ , मंदिर तक पहुच जाओगे ! सुनकर अजीब सा लगा  !! एक तो अन्दर संकरी सी गली उस उसर भैंस के पीछे जाना ! यार हम किसी परिचित का माकन थोड़े ढूंढ रहे थे , हमें तो विश्वप्रसिद्द और बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा विश्वनाथ के मंदिर जाना था . लेकिन क्या करते ? एक बताने वाले पुलिस वाले थे , और जहाँ   वो खड़े थे , वहां द्वार पर विशानाथ मंदिर जाने का रास्ता लिखा था . बनारसी रंग के बारे  में खूब पढ़ा -सुना , लेकिन देख  पहली बार रहे थे  . खैर उस पतली  सी गली में हम आगे  बढे ....गली संकरी ही रही , अब भैंस और भी तंग गली में चली ! हम दोनों को ऐसा लगा कहीं पुलिस वाले ने हमें बेबकूफ तो नही बनाया . हमने भैंस वाला रास्ता न  पकड़ चौड़ी गली वाला रास्ता पकड़ा . थोड़ी देर बाद हम एक होटल पहुचे , जहाँ  बालकनी से गंगा जी दर्शन हो रहे थे ! कई विदेशी  सैलानी वहां बैठे थे .
हम वापिस  लौटे !
फिर गली के एक दुकानदार से मंदिर का रास्ता पूछा  तो उसने बताया  ,की आप  मंदिर से आगे आ गये है , उसने एक पतली गली की और इशारा करते हुए बताया , इस   गली से चले जाइये मंदिर पहुच जायेंगे . हम पतली गली से आगे बढ़  रहे थे , की सामने से वही भैंस आ रही थी ,भैंस माता को नमन कर हम मंदिर तक पहुच ही गये ! बाबा  विश्वनाथ जी का मंदिर बहुत संकरी गली में है . मगर सुरक्षा बहुत दुरुस्त है .
तो इस तरह तरह हो  पाए  विश्वनाथ जी के दर्शन  !

6 टिप्‍पणियां:

  1. :-)

    प्रभु जाने किस किस रूप में राह दिखाते हैं!!!!

    अनु

    जवाब देंहटाएं
  2. बाबा इसी रूप में आ गए दर्शन करवाने ... अच्छा संस्मरण ...

    जवाब देंहटाएं
  3. भगवान भक्त को किसी न किसी तरह से सही राह दिखा ही देते हैं।

    जवाब देंहटाएं
  4. रोचक यात्रा संस्मरण

    जवाब देंहटाएं

ab apki baari hai, kuchh kahne ki ...

orchha gatha

बेतवा की जुबानी : ओरछा की कहानी (भाग-1)

एक रात को मैं मध्य प्रदेश की गंगा कही जाने वाली पावन नदी बेतवा के तट पर ग्रेनाइट की चट्टानों पर बैठा हुआ. बेतवा की लहरों के एक तरफ महान ब...