सोमवार, 5 नवंबर 2012

अबकी दिवाली ऐसी मनाना !

अबकी दिवाली ऐसी मनाना
दीयों में नहीं , दिल में भी ज्योत जलाना 
दूर हो मन का अँधेरा  , ऐसा हो प्रकाश
बस घरों में ही नहीं , जीवन में भी हो उजास
दीप मालाओं सा, प्रकाशित हो जीवन 
दूर हो अँधेरा , उज्जवल  हो मन 
अपने ही नहीं , दूजों के जीवन में खुशियाँ लाना 
 अबकी दिवाली ऐसी मनाना
खुशियों से उन्हें भर दो , जो दिल है खाली 
 खुद तक सीमित न रखना ये दिवाली 
 रोशन हो उनके घर भी, जिनकी  सूनी है थाली 
सबके घर हो रोशन , ऐसी हो दिवाली 
दीयों में नहीं , दिल में भी ज्योत जलाना 
अबकी दिवाली ऐसी मनाना

17 टिप्‍पणियां:

  1. साल भर में आता है, दीपावली का त्यौहार
    मिल बाँटकर खुशियाँ मनाये बढ़ता है प्यार,,,,

    RECENT POST : समय की पुकार है,

    जवाब देंहटाएं
  2. जी यही कोशिश करेंगे ... :)

    भुने काजू की प्लेट, विस्की का गिलास, विधायक निवास, रामराज - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    जवाब देंहटाएं
  3. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार 6/11/12 को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका स्वागत है ।

    जवाब देंहटाएं
  4. जरूर ,
    दीवाली की शुभकामनायें |

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. दीपावली की अग्रिम शुभकामनाए,,,,
    बहुत बढ़िया उम्दा प्रस्तुति,,,,,

    RECENT POST:..........सागर

    जवाब देंहटाएं
  6. पढ़कर मन प्रसन्न हो गया,सचमुच दीपावली का अर्थ भी यही होना चाहिए।दीपावली की हार्दिक बधाई आपको एवं परिवार को।

    जवाब देंहटाएं
  7. आनाघा बधाई । खूबसूरत पंक्ति और सार्थक विचार

    जवाब देंहटाएं

ab apki baari hai, kuchh kahne ki ...

orchha gatha

बेतवा की जुबानी : ओरछा की कहानी (भाग-1)

एक रात को मैं मध्य प्रदेश की गंगा कही जाने वाली पावन नदी बेतवा के तट पर ग्रेनाइट की चट्टानों पर बैठा हुआ. बेतवा की लहरों के एक तरफ महान ब...