सोमवार, 27 मई 2013

धाराओं का सरकारी स्टाक ख़त्म हो गया है !

नमस्कार मित्रो ,
बहुत दिनों बाद आपसे से ब्लॉग पर मिलने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ . हुआ यूँ कि ३० जनवरी को मेरी पदस्थापना  आबकारी उप-निरीक्षक के पद पर मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में हुई . अब चूँकि नयी जगह - नया बदलाव तो था,  ही  साथ मैं अपना डेस्कटॉप यहाँ नही लाया , इसलिए ब्लॉग लिखने में असमर्थ रहा . खैर जगह अच्छी है , और लोग भी अच्छे है . इतने दिनों में मेरा कार्यालय प्रशिक्षण , पुलिस प्रशिक्षण और वृत्त प्रशिक्षण पूरा हुआ ...मजा आया ...सबसे ज्यादा पुलिस प्रशिक्षण में मजा आया .
मेरा एक माह का पुलिस प्रशिक्षण पुलिस अधीक्षक श्री अमित सिंह के निर्देशन में थाना मोहनगढ़ और थाना कोतवाली , टीकमगढ़ में पूरा हुआ . मोहनगढ़ में एक बड़ा ही मजेदार वाकया सुननें में आया . इतना मजेदार वाकया है , कि आपको भी पढ़ कर मजा आएगा .

कुछ वर्षो पहले की बात है - मोहनगढ़ थाने में एक बहुत ही चतुर (पैसा कमाने के मामले में )होमगार्ड सैनिक था .  तो एक बार पास के किसी गाँव में दो गुटों में लड़ाई हो गयी . ये बात सैनिक को पता चली तो वो उस गाँव के रास्ते में एक चाय की दुकान पर बैठ गया . कुछ देर बाद गाँव के एक गुट का आदमी आता दिखा , तो होमगार्ड तैयार  !
होमगार्ड - क्यों भाई , लम्बरदार (बुंदेलखंड का एक सम्मानित संबोधन ) तुम्हारे गाँव में झगडा हो गया , और तुमने मुझे बताया ही नही ?
ग्रामीण - अरे साब , वही तो बताने आपके पास आ रहा था .
होमगार्ड - तो ये बताओ सामने वाली पार्टी पर कितनी धाराएं लगवानी है ?
ग्रामीण - सरकार कम से कम तीन -चार तो लगवा ही दे .
होमगार्ड- अरे यार , लम्बरदार .....धारायें तो चाहे जितनी लगवा देता , मगर एक लफड़ा हो गया ....
ग्रामीण -( कातर भाव से )... अरे साब ...ऐसा न कहो ,,आप तो अपने आदमी हो ....आप की कितनी सेवा की ...आप ३-४ धारायें नही लगवा सकते !
होमगार्ड- यार ..लफड़ा ये हो गया कि धाराओं का सरकारी स्टाक ख़त्म हो गया है , और ब्लेक में २-३ धारायें बची होंगी , जो इमरजेंसी के लिए बची है . वो चीफ साहब (हवालदार) देंगे  नही .
ग्रामीण - (पैर पकड़ते हुए ) अरे साब ! आप ही कुछ करो चाहे जितना पैसा लग जाये , मगर सामने वाली पार्टी पर ३-४ से कम धारा नही लगनी चाहिए ...(गाली देते हुए ...) .. उन्हें तो पता चले ..हम क्या करवा सकते है .
(...फिर गाली ...) अपने आप को बल्देवगढ़ की तोप समझ रहे थे . ( बुंदेलखंड में बल्देवगढ़ की बड़ी तोप प्रसिद्द है ).
होमगार्ड- लम्बरदार ...थोड़े ज्यादा पैसे लगेंगे , अब तुम अपने वाले हो ..इसलिए किसी तरह जुगाड़ करते है .
थाने पहुच कर ...चीप साहब से ...( चीप साब पहले से सेट थे )
 होमगार्ड-  अरे चीप साब , स्टाक में कितनी धारायें बची है ?
चीप साब - स्टाक में तो धारायें ख़त्म हो गयी है .
होमगार्ड - साब , देखो इमरजेंसी स्टाक में देखो ...अपने खास आदमी है . इनका काम तो करना ही है .
चीप साब - देखो यार , इमरजेंसी स्टाक में से हम कोई धारा नही देंगे , अगर साहब को पता चलेगा तो परेशानी हो सकती है .
होमगार्ड - अरे साब , थोड़े ज्यादा ले लेना , लेकिन अब जब अपने वाले है , तो व्यवस्था कर दीजिये . 
 मैंने जबान भी दे दी है . बताइए किस भाव से धारायें देंगे ?
चीप साब - देखो , २००० तो ब्लेक का रेट चल रहा है , और कुछ मैं भी लूँगा , इतनी रिस्क जो ले रहा हूँ .
होमगार्ड - अरे साब , सरकारी रेट तो ५०० रूपये है ?
चीप साब - वो तो तब है , जब स्टाक में धारायें हो , अभी तो ब्लेक में में दे रहा  हूँ, वो भी इमरजेंसी वाली धारायें देने का रिस्क ले रहा हूँ .
होम गार्ड- साब , देखो अपने वाले है , जो रेट चल रहा है , उसी में दे दो , इस बार अपना हिस्सा छोड़ दो .
चीप साब - देखो , तुम इतना कह रहे हो , इसलिए अपना हिस्सा छोड़ रहा हूँ . बताओ कितनी धारायें लगनी है ?
होम गार्ड- साब , ३ धारायें लगा दो , और एक धारा मेरे तरफ से आपको फ्री देनी होगी .
चीप साब - (मुंह बनाते हुए ) ...देखो एक तो तुम्हारे कहने से मैं इतना रिस्क ले रहा हूँ , ऊपर से तुम्हे फ्री धारा भी चाहिए .
होम गार्ड - खीसें निपोरते हुए ...साब कर लो थोडा अद्जेस्ट
चीप साब - ठीक है ,(ऍफ़ आई आर लिखते हुए ) ये  लो तीन पैसे वाली और एक फ्री वाली टोटल चार धारा लगा दी . ठीक है .
होम गार्ड (मूंछो पे ताव देते हुए )- चलो निकालो छह हजार रूपये ........


orchha gatha

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