नमस्कार मित्रो ,
मध्य प्रदेश विधानसभा निर्वाचन में संलग्न होने के कारण बहुत दिनों तक ब्लॉगिंग से दूर रहा . हालाँकि इस दौरान बहुत ही अच्छे अनुभव हुए , जिन्हे आप सभी को बताने की इच्छा बहुत बार हुई , मगर समय आभाव के कारण उसे आप तक नही पंहुचा पाया . खैर अब समझ नही आ रहा ..इतने दिनों में हुए अनुभवो में से किसे सबसे पहले आपके सामने प्रस्तुत करू .
विधान सभा निर्वाचन में मुझे केंद्रीय जागरूकता प्रेक्षक श्री बी ० नारायण जी ( निदेशक , केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ) , पुलिस प्रेक्षक श्री नवनीत राणा ( डी आई जी , कानपुर) और निवाड़ी विधान सभा सामान्य प्रेक्षक श्री गोपाल शर्मा जी (हिमांचल प्रशासनिक सेवा )के साथ पूरा टीकमगढ़ जिला और साथ ही चंदेरी , खजुराहो और पन्ना के पर्यटन स्थलों के भ्रमण का भरपूर मौका मिला . इन सुन्दर स्थलो से जुड़े बड़े ही यादगार अनुभव रहे है .
इन दो महीनो में जितना घूमा उतना शायद ही इतने कम समय में ज्यादा स्थलो पर कभी घूमा हूँ .
सोच नही पा रहा हूँ , कि कहाँ से शुरू करू ...ओरछा में राम राजा के दरबार से या जहांगीर महल , राजा महल , चतुर्भुज मंदिर , आजाद आश्रम , बेतवा और जामनी नदियों के सुरम्य हरे- भरे पथरीले तट या खंगार नरेश की राजधानी गढ़कुण्डार के किले की कहानियों से ....या 875 ईस्वी के मढखेरा के अद्भुत शिल्प वाले सूर्य मंदिर से ...या विश्व धरोहर खजुराहो के अप्रतिम स्थापत्य वाले मंदिर समूह से ...या पन्ना बाघ रिजर्व के रोमांचक सफारी से ...दुनिया की सबसे स्वच्छ और खूबसूरत नदियों में से एक केन नदी के विहंगम प्राकृतिक दृश्यों से ....या पांडव जल प्रपात एवं प्राकृतिक गुफाओं से ........कुछ भी छोड़ने योग्य नही है . इसलिए तय नही कर पा रहा हूँ , कहाँ से शुरू करू ...
आप ही बताये कहाँ से शुरू करू .....
मध्य प्रदेश विधानसभा निर्वाचन में संलग्न होने के कारण बहुत दिनों तक ब्लॉगिंग से दूर रहा . हालाँकि इस दौरान बहुत ही अच्छे अनुभव हुए , जिन्हे आप सभी को बताने की इच्छा बहुत बार हुई , मगर समय आभाव के कारण उसे आप तक नही पंहुचा पाया . खैर अब समझ नही आ रहा ..इतने दिनों में हुए अनुभवो में से किसे सबसे पहले आपके सामने प्रस्तुत करू .
विधान सभा निर्वाचन में मुझे केंद्रीय जागरूकता प्रेक्षक श्री बी ० नारायण जी ( निदेशक , केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ) , पुलिस प्रेक्षक श्री नवनीत राणा ( डी आई जी , कानपुर) और निवाड़ी विधान सभा सामान्य प्रेक्षक श्री गोपाल शर्मा जी (हिमांचल प्रशासनिक सेवा )के साथ पूरा टीकमगढ़ जिला और साथ ही चंदेरी , खजुराहो और पन्ना के पर्यटन स्थलों के भ्रमण का भरपूर मौका मिला . इन सुन्दर स्थलो से जुड़े बड़े ही यादगार अनुभव रहे है .
इन दो महीनो में जितना घूमा उतना शायद ही इतने कम समय में ज्यादा स्थलो पर कभी घूमा हूँ .
सोच नही पा रहा हूँ , कि कहाँ से शुरू करू ...ओरछा में राम राजा के दरबार से या जहांगीर महल , राजा महल , चतुर्भुज मंदिर , आजाद आश्रम , बेतवा और जामनी नदियों के सुरम्य हरे- भरे पथरीले तट या खंगार नरेश की राजधानी गढ़कुण्डार के किले की कहानियों से ....या 875 ईस्वी के मढखेरा के अद्भुत शिल्प वाले सूर्य मंदिर से ...या विश्व धरोहर खजुराहो के अप्रतिम स्थापत्य वाले मंदिर समूह से ...या पन्ना बाघ रिजर्व के रोमांचक सफारी से ...दुनिया की सबसे स्वच्छ और खूबसूरत नदियों में से एक केन नदी के विहंगम प्राकृतिक दृश्यों से ....या पांडव जल प्रपात एवं प्राकृतिक गुफाओं से ........कुछ भी छोड़ने योग्य नही है . इसलिए तय नही कर पा रहा हूँ , कहाँ से शुरू करू ...
आप ही बताये कहाँ से शुरू करू .....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (25-12-13) को "सेंटा क्लॉज है लगता प्यारा" (चर्चा मंच : अंक-1472) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुंदर आलेख ...! अनुभव साझा करने के लिए आभार,,,,,
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RECENT POST -: हम पंछी थे एक डाल के.
मित्र! आज 'क्रिसमस-दिवस' पर शुभ कामनाएं,! सब को सेंटा क्लाज सी उदारता दे और ईसा मसीह सी 'प्रेम-शक्ति'!
जवाब देंहटाएंहर स्थल प्रारंभ के लिये समुचित है |हर शाख पे उल्लू बैठा है !