tag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post8046701868353432152..comments2024-03-20T21:50:33.756+05:30Comments on चंदन की महक: रायप्रवीण का सौंदर्य और ओरछा की नियति (ओरछा गाथा भाग-4)मुकेश पाण्डेय चन्दनhttp://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-29374730247782442972021-04-04T19:34:08.230+05:302021-04-04T19:34:08.230+05:30धन्य महाकवि केशव की शिष्या राय प्रवीन, संकट काल मे...धन्य महाकवि केशव की शिष्या राय प्रवीन, संकट काल मे अदम्य विश्वास सूझबूझ तथा साहस से स्वयं को भी मुक्त कराया अपने राज्य के मान सम्मान की भी रक्षा की।<br />अति गौरवपूर्ण गाथा।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13990971736908481912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-74222937168465132232019-11-24T18:25:38.060+05:302019-11-24T18:25:38.060+05:30भाई मुकेश जी आपने राय प्रवीन का इतना सुंदर तरीके स...भाई मुकेश जी आपने राय प्रवीन का इतना सुंदर तरीके से वर्णन किया है कि पढ़कर आनन्द आ गया, आगे भी इस तरह की यात्राओं का वर्णन पढ़ने की प्रतीक्षा हैHARI GOVIND MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/10833858611678959830noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-33899359731095454692017-12-12T21:17:59.936+05:302017-12-12T21:17:59.936+05:30बढिया शानदार अद्भुत अविश्वसनीय अचंभित कर देने वाला...बढिया शानदार अद्भुत अविश्वसनीय अचंभित कर देने वाला लेखन रोमांचित कर दिया वाहAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/01044065374964108330noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-55603663852147175072016-11-11T01:33:27.427+05:302016-11-11T01:33:27.427+05:30आभार, आपकी टिप्पणियाँ सदैव प्रोत्साहन का कार्य करत...आभार, आपकी टिप्पणियाँ सदैव प्रोत्साहन का कार्य करती है । यूँ ही स्नेह बनाये रखना ।मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-23173685879505567492016-11-10T23:49:08.527+05:302016-11-10T23:49:08.527+05:30Hi Mukesh ji
रायप्रवीन के चरित्र और सुंदरता को ले...Hi Mukesh ji<br /><br />रायप्रवीन के चरित्र और सुंदरता को लेकर जैसी उत्सुकता थी, आपने अपने शब्दजाल के द्वारा उस सौंदर्य और श्रृंगार के रस से उसे हूबहू सजीव कर दिया है। दिवाली की रात की सुंदरता का चित्रण हो या महल की अथवा रायप्रवीन के यौवन का वर्णन... आपका शब्दों का चयन बेजोड़ है।<br />केशव और रायप्रवीन के वर्णित दोहे शानदार हैं।<br />इतिहास में अपेक्षाकृत कम चर्चित नायिका को आप की इस ओरछा कथा के माध्यम से एक नया आयाम मिला है और हम पाठकों को एक गुमनाम चरित्र से परिचय !<br />अगले अंकों की तीव्रता से प्रतीक्षा है.... सादरAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/00481725563739075203noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-61172996208794631192016-11-08T19:26:33.743+05:302016-11-08T19:26:33.743+05:30आभार हितेश भाई । अफ़सोस व्यस्तता के कारण आपको समय ...आभार हितेश भाई । अफ़सोस व्यस्तता के कारण आपको समय नही दे पाये ।मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-63489463094832394362016-11-08T17:10:13.491+05:302016-11-08T17:10:13.491+05:30बहुत सुन्दर लगा आपका ओरछा मुकेश जीबहुत सुन्दर लगा आपका ओरछा मुकेश जीHitesh Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15229649445446027198noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-71143049811556530232016-11-08T12:36:42.937+05:302016-11-08T12:36:42.937+05:30सर, त्रुटि सुधार ली गयी है । स्नेह बनाये रखिये ।सर, त्रुटि सुधार ली गयी है । स्नेह बनाये रखिये ।मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-39268369595544728012016-11-08T12:35:39.597+05:302016-11-08T12:35:39.597+05:30सब रामराजा की कृपा है ।सब रामराजा की कृपा है ।मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-46844422372698579492016-11-08T12:35:09.226+05:302016-11-08T12:35:09.226+05:30आभार अनिल जी । आपका प्रोत्साहन और स्नेह से जल्द ही...आभार अनिल जी । आपका प्रोत्साहन और स्नेह से जल्द ही अगला भाग प्रस्तुत होगा ।मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-50306202046690269772016-11-08T12:34:12.776+05:302016-11-08T12:34:12.776+05:30आपका आभार सचिन जीआपका आभार सचिन जीमुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-45680257679755471802016-11-08T12:33:40.060+05:302016-11-08T12:33:40.060+05:30अन्यथा लेने वाली बात ही नही है । ये पोस्ट पूरी तरह...अन्यथा लेने वाली बात ही नही है । ये पोस्ट पूरी तरह से मोबाइल पर लिखी और पोस्ट की है । इसलिए त्रुटियाँ रह गयी थी । आपका सुझाव शिरोधार्य है । त्रुटि सुधार कर लिया गया है । आभारमुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-59209868676658704692016-11-08T10:48:36.558+05:302016-11-08T10:48:36.558+05:30पांडेय जी , रायप्रवीण की बुद्धिमत्ता ने ओरछा के सा...पांडेय जी , रायप्रवीण की बुद्धिमत्ता ने ओरछा के साथ साथ अपनी भी मर्यादा को बचाने का जो तरीका अपनाया गया वो बहुत सरल और अहिंसात्मक रहा , जो यह बताता है कि तलवार से नही प्रेम से जग जीता जा सकता है ! बेहतरीन प्रस्तुति ! लेकिन दोबारा देखिएगा आप - इस पोस्ट में बहुत सी टाइपिंग मिस्टेक के साथ साथ कुछ पैराग्राफ रिपीट हो रहे हैं !! अन्यथा मत लीजियेगा Yogi Saraswathttps://www.blogger.com/profile/17101659017154035233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-44258224238625281592016-11-08T10:28:23.079+05:302016-11-08T10:28:23.079+05:30बेहद सुंदर आलेख। प्रारंभिक पेरा अंत में रिपीट हो ग...बेहद सुंदर आलेख। प्रारंभिक पेरा अंत में रिपीट हो गया है।P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-53610629724744693142016-11-08T10:11:40.163+05:302016-11-08T10:11:40.163+05:30जीवन्त प्रस्तुति जीवन्त प्रस्तुति Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-35712960812107119042016-11-08T08:11:21.208+05:302016-11-08T08:11:21.208+05:30बहुत सुंदर रचना।रायप्रवीण की सुंदरता का सजीव वर्णन...बहुत सुंदर रचना।रायप्रवीण की सुंदरता का सजीव वर्णन मनमोहक है।अगले भाग का इंतजार रहेगा।अनिल दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/00010528560956491312noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-79170458909110312142016-11-08T06:57:15.131+05:302016-11-08T06:57:15.131+05:30बहुत ही अच्छी लगी आपकी यह पोस्ट। राय प्रवीण का सौं...बहुत ही अच्छी लगी आपकी यह पोस्ट। राय प्रवीण का सौंदर्य बखान व् उसकी चतुरता का वर्णन बेहतरीन ढंग से किया है आपने। वेसे यह लेख और भी रसों से परिपूर्ण है।Sachin tyagihttps://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.com