देख के आज के हालत, आंसू बहाता बादल
सीना छलनी कर धरा का,पानी के कतरे जमाता बादल
खोद-खोद धरती को , सारा पानी बहा दिया
था जो जीवन का आधार, उसे ही ढहा दिया
अब खली रुई के फाहों से बरसने की आशा करते हो
था जब पानी, खूब बहाया, अब प्यासे मरते हो
कभी मैं देख धरा की खुशहाली , खुशी के आंसू बहाता
नही बचा है ,अब उतना पानी, सोच के दिल घबराता
अभी समय है, संभलो, बचा लो जीवन की बूँद
बाद में पछताओगे, मर जाओगे जीवन को ढूंढ
उठो, जागो, कुछ करो, तुम सबको जगाता बादल
देख के आज ke haalaat , आंसू बहाता बादल
atisundar...........atisundar
जवाब देंहटाएंbahut hi sunder rachna hai....
जवाब देंहटाएंdil khush ho gaya...
aapko dher saari badhayee.........
aaj ki stithi hi kuch asi hai
जवाब देंहटाएंmoolchand peswani
shahpura dustt bhilwara 311404