मंगलवार, 18 जून 2013

हर कसौटी पर कम निकले ....

हार गये सारी बाजी, हर कसौटी पर कम निकले 
अब आरज़ू है , कि किसी तरह बस दम निकले 
हर तरह की आजमाईश , हमने की हर तरकीब 
क्या पता था ? हमरी कोशिशें उन पर सितम निकलें 
जीने की आरज़ू नही अब , ख़त्म हो गया जहाँ 
खुश रहे वो , जब कभी हमारा कफ़न निकलें 
हो गये तबाह , पर अब गम क्या करें ,
 मिले खुशियाँ  उन्हें , जब-जब हमारा सनम निकलें
महक बाकि रहेगी ताउम्र, मेरी मोहब्बत की 
चिता की राख को संभल के रखना , क्या पता वो 'चन्दन 'निकले

6 टिप्‍पणियां:

  1. हो गये तबाह , पर अब गम क्या करें ,
    मिले खुशियाँ उन्हें , जब-जब हमारा सनम निकलें ...
    प्रेम हो तो दिल में ऐसी ही तमना रहती है ... बहुत खूब ...

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना....

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर रचना है।

    जवाब देंहटाएं
  4. जब पुलिस अधिकारी हाथ की बैटन छोड़ कर ग़ज़ल लिखने लगे तो क़यामत आएगी ही! 😊😊😊😊

    जवाब देंहटाएं
  5. Thanks for sharing, nice post! Post really provice useful information!

    FadoExpress là một trong những top công ty chuyển phát nhanh quốc tế hàng đầu chuyên vận chuyển, chuyển phát nhanh siêu tốc đi khắp thế giới, nổi bật là dịch vụ gửi hàng đi nhậtgửi hàng đi pháp và dịch vụ chuyển phát nhanh đi hàn quốc uy tín, giá rẻ

    जवाब देंहटाएं

ab apki baari hai, kuchh kahne ki ...

orchha gatha

बेतवा की जुबानी : ओरछा की कहानी (भाग-1)

एक रात को मैं मध्य प्रदेश की गंगा कही जाने वाली पावन नदी बेतवा के तट पर ग्रेनाइट की चट्टानों पर बैठा हुआ. बेतवा की लहरों के एक तरफ महान ब...