tag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post6788812947274872730..comments2024-03-20T21:50:33.756+05:30Comments on चंदन की महक: रायप्रवीण : जिसके आगे अकबर को भी झुकना पड़ा ( ओरछा गाथा भाग - 3 )मुकेश पाण्डेय चन्दनhttp://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-61918750738785763232017-12-12T21:02:33.566+05:302017-12-12T21:02:33.566+05:30अद्भुत लेखन पांडेय जी शानदारअद्भुत लेखन पांडेय जी शानदारAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/01044065374964108330noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-45711140596113743212016-10-03T19:44:04.823+05:302016-10-03T19:44:04.823+05:30 वाकई पराठे ख़त्म हो गए ! बहुत देर कर दी आने में वाकई पराठे ख़त्म हो गए ! बहुत देर कर दी आने में संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-13360627625965950582016-09-26T19:09:37.895+05:302016-09-26T19:09:37.895+05:30रोचक ऐतिहासिक ओरछा गाथा प्रस्तुति हेतु धन्यवाद...रोचक ऐतिहासिक ओरछा गाथा प्रस्तुति हेतु धन्यवाद...Kavita Rawathttps://www.blogger.com/profile/13692856110867825187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-64609829985923791732016-09-11T15:20:47.130+05:302016-09-11T15:20:47.130+05:30क्षमा प्राथी हूँ । अगली बार पूरी पोस्ट का वादा । स...क्षमा प्राथी हूँ । अगली बार पूरी पोस्ट का वादा । स्नेह बनाये रखिये ।मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-59460660491610408082016-09-11T15:19:17.001+05:302016-09-11T15:19:17.001+05:30रोहिताश जी , थोड़ी ऐतिहासिक पोस्ट होने की वजह से स...रोहिताश जी , थोड़ी ऐतिहासिक पोस्ट होने की वजह से सही तथ्यों की खोज के लिए पढ़ना जरुरी है । तब तो आगे बढ़ पाएंगे । इसलिए इस बार इतना ही लिख पाया । पर वादा करता हूँ , कि अगली पोस्ट परिपूर्ण होगी ।मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-17773019961536309072016-09-11T13:48:39.072+05:302016-09-11T13:48:39.072+05:30पोस्ट शुरू होने वाली थी कि ख़तम हो गई ...किसी तरह ...पोस्ट शुरू होने वाली थी कि ख़तम हो गई ...किसी तरह नेट और लिंक पकड़ते यहाँ पहुँच पाई थी ,अब पलट कर फिर आने के जुगाड़ में मन अटका रहेगा...Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-47841847225205363582016-09-11T12:58:04.211+05:302016-09-11T12:58:04.211+05:30ऐ की गल्ल हुई....गरमागरम पराठे को यूँ फ्रिज में रख...ऐ की गल्ल हुई....गरमागरम पराठे को यूँ फ्रिज में रख दिया। बोत गलत बात। Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-11021119162134394192016-09-10T22:27:53.494+05:302016-09-10T22:27:53.494+05:30आभार शास्त्री जी।
स्नेह बनाये रखियेआभार शास्त्री जी।<br />स्नेह बनाये रखियेमुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-32719468941927015272016-09-10T22:27:42.538+05:302016-09-10T22:27:42.538+05:30आभार शास्त्री जी।
स्नेह बनाये रखियेआभार शास्त्री जी।<br />स्नेह बनाये रखियेमुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-53557542305121250522016-09-10T15:32:00.341+05:302016-09-10T15:32:00.341+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (11-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (11-09-2016) को <a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> "प्रयोग बढ़ा है हिंदी का, लेकिन..." (चर्चा अंक-2462) </a> पर भी होगी। <br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11652932495591922443noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-52295951438920286132016-09-10T11:14:14.507+05:302016-09-10T11:14:14.507+05:30जी जरूर डॉ साहबजी जरूर डॉ साहबमुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-47240504809790446052016-09-10T11:13:40.276+05:302016-09-10T11:13:40.276+05:30योगी जी , बिलकुल जल्द ही आप सब की इच्छा माँ बेतवा ...योगी जी , बिलकुल जल्द ही आप सब की इच्छा माँ बेतवा पूरी करेंगी । स्नेह बनाये रहिएगा ।मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-82976753168658113292016-09-10T09:53:13.833+05:302016-09-10T09:53:13.833+05:30आज की शाम कुछ ज्यादा गहरी है । कृष्ण पक्ष के कारण ...आज की शाम कुछ ज्यादा गहरी है । कृष्ण पक्ष के कारण चाँद भी अभी निकला नही । माँ बेतवा के तट पर ग्रेनाइट की चट्टानें ऐसी लग रही है ,मानो कोई भीमकाय प्राणी सुस्ता रहा हो । ऊपर आसमान में तारे टिमटिमा रहे है । हवा के साथ बादल भी इधर से उधर चक्कर लगा रहे है । ऐसा लगता है , मेरी तरह वो भी ओरछा गाथा सुनने को बेताब है । झींगुरों की आवाजे वातावरण की ख़ामोशी को सुमधुर बना रही है । बहुत ही रोचक अंदाज़ में लिखा है आपने पाण्डेय जी , लेकिन सबकी तरह मेरी भी उत्सुकता को एकदम से विराम लग गया ! जैसे ही स्वाद आना शुरू हुआ , पराठे ख़त्म हो गए ! जल्दी लिखियेगा Yogi Saraswathttps://www.blogger.com/profile/17101659017154035233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-74675293233157138532016-09-09T23:07:49.020+05:302016-09-09T23:07:49.020+05:30मुकेश जी कृपया अगला भाग जल्दी प्रकाशित करें...इंद्...मुकेश जी कृपया अगला भाग जल्दी प्रकाशित करें...इंद्रजीत और पुनिया (राय प्रवीण) की कथा का इन्तजार है 👍डॉo प्रदीप त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/02090071653471529195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-54026558372095962512016-09-09T23:07:41.474+05:302016-09-09T23:07:41.474+05:30मुकेश जी कृपया अगला भाग जल्दी प्रकाशित करें...इंद्...मुकेश जी कृपया अगला भाग जल्दी प्रकाशित करें...इंद्रजीत और पुनिया (राय प्रवीण) की कथा का इन्तजार है 👍डॉo प्रदीप त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/02090071653471529195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-45433905432504578712016-09-09T22:40:59.171+05:302016-09-09T22:40:59.171+05:30भागी नही सर, जल्द ही रोमांचक वापिसी होगी ।भागी नही सर, जल्द ही रोमांचक वापिसी होगी ।मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-10840678981953725892016-09-09T22:40:16.752+05:302016-09-09T22:40:16.752+05:30जी सही कहा सचिन भाई ।
अगली पोस्ट बड़ी होगी जी सही कहा सचिन भाई ।<br />अगली पोस्ट बड़ी होगी मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-66195768916513041632016-09-09T22:39:40.805+05:302016-09-09T22:39:40.805+05:30ये पोस्ट आपकी इच्छा पर डाली थी सर, जल्द ही अगला भा...ये पोस्ट आपकी इच्छा पर डाली थी सर, जल्द ही अगला भाग मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-18586009312479930922016-09-09T22:38:45.610+05:302016-09-09T22:38:45.610+05:30आपकी इच्छा जल्द ही पूरी होगी । आपकी इच्छा जल्द ही पूरी होगी । मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-84660542415119193342016-09-09T22:11:16.693+05:302016-09-09T22:11:16.693+05:30क्योंकि इतना कहकर कांचन भाग गई :-) जे तो गलत बात ...क्योंकि इतना कहकर कांचन भाग गई :-) जे तो गलत बात है.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-48102186511515858772016-09-09T21:11:20.169+05:302016-09-09T21:11:20.169+05:30ऊपर आसमान में तारे टिमटिमा रहे है । हवा के साथ बाद...ऊपर आसमान में तारे टिमटिमा रहे है । हवा के साथ बादल भी इधर से उधर चक्कर लगा रहे है । ऐसा लगता है , मेरी तरह वो भी ओरछा गाथा सुनने को बेताब है । झींगुरों की आवाजे वातावरण की ख़ामोशी को सुमधुर बना रही है ।<br />बहुत सुंदर वर्णन, मै तो वही पहुंच गया था, पर आज की पोस्ट बहुत छोटी थी। Sachin tyagihttps://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-74353518063592626922016-09-09T21:09:01.323+05:302016-09-09T21:09:01.323+05:30अभी तो यह नयी कथा शुरु होकर प्रबल जिज्ञासा जगा गई ...अभी तो यह नयी कथा शुरु होकर प्रबल जिज्ञासा जगा गई है। इन्तज़ार है आगे की कथा का। Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-64759200965950904672016-09-09T20:59:49.260+05:302016-09-09T20:59:49.260+05:30एक तो वैसे ही यह कथा बहुत ही लंबे इंतजार के बाद आई...एक तो वैसे ही यह कथा बहुत ही लंबे इंतजार के बाद आई और फिर जैसे ही कहानी ने कुछ रफ्तार पकड़नी शुरू की तो आपने ब्रेक लगा दिया ! This is not fair!<br />खैर, राय परवीन का सौंदर्य और वाक चातुर्य तो किवंदितिओं में मशहूर है ही, उम्मीद है जल्द ही श्रृंगार रस से सरोबोर कथा का अगला अंक आएगा।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00481725563739075203noreply@blogger.com