tag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post6932297058143500265..comments2024-03-20T21:50:33.756+05:30Comments on चंदन की महक: कटरीना ट्री और सूर्यास्त : ओरछा महामिलन का प्रथम दिवसमुकेश पाण्डेय चन्दनhttp://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comBlogger51125tag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-38885476613762249742018-01-21T23:36:42.157+05:302018-01-21T23:36:42.157+05:30आभार बृजेश जी,
ब्लॉग के नामकरण का भेद कई बार बता च...आभार बृजेश जी,<br />ब्लॉग के नामकरण का भेद कई बार बता चुका हूं अब लगता है कि एक पोस्ट इसी पर लिख दी जाए ।मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-26303500263855118082018-01-21T22:45:09.987+05:302018-01-21T22:45:09.987+05:30बहुत ही जबरदस्त लेख। घुमक्कड़ों के महामिलन का ऐसा ...बहुत ही जबरदस्त लेख। घुमक्कड़ों के महामिलन का ऐसा सजीव वर्णन आप ही कर सकते हैं। मानो पूरा दृश्य आँखों के सामने तैर रहा हो। वैसे अपने ब्लाॅग के ऐसे ऊटपटांग नाम का भेद आपने कभी खोला कि नहीं?Dr. Brajesh Kumar Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05368113302282592221noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-80105396918266586472017-05-10T23:47:53.278+05:302017-05-10T23:47:53.278+05:30आभार संजय जीआभार संजय जीमुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-34509664770774489442017-05-10T23:47:40.316+05:302017-05-10T23:47:40.316+05:30आभार संजय जीआभार संजय जीमुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-82008495068153998122017-05-10T23:47:13.558+05:302017-05-10T23:47:13.558+05:30आभार सिन्हा जी, यूँ ही स्नेह बनाये रखे । नाम की भी...आभार सिन्हा जी, यूँ ही स्नेह बनाये रखे । नाम की भी कहानी है । कभी सुनाउंगा...मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-35127460564883760522017-05-08T12:07:48.131+05:302017-05-08T12:07:48.131+05:30aapka blog bhi acha, varnna bhi acha, nazare bh ac...aapka blog bhi acha, varnna bhi acha, nazare bh ache par aapne blog ka name aisa kyu rakha, Abhyanand Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01204471317454601074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-84842988382811110142017-04-29T15:48:38.982+05:302017-04-29T15:48:38.982+05:30 खूबसूरती से वर्णन किया है पाण्डेय जी खूबसूरती से वर्णन किया है पाण्डेय जीसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-33146316796105356052017-02-14T21:57:34.804+05:302017-02-14T21:57:34.804+05:30आभार योगी जी । आप भी चक्कर लगा लीजियेआभार योगी जी । आप भी चक्कर लगा लीजियेमुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-19601076652809232532017-02-14T21:56:37.885+05:302017-02-14T21:56:37.885+05:30दिल अभी भरा नही और आप इसे आखिरी पोस्ट कह रही ।दिल अभी भरा नही और आप इसे आखिरी पोस्ट कह रही ।मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-31988876565532670442017-02-14T11:51:40.000+05:302017-02-14T11:51:40.000+05:30ओरछा की गलियों और छतरियों को देख मन प्रसन्न हो गया...ओरछा की गलियों और छतरियों को देख मन प्रसन्न हो गया ! कटरीना के दीवाने रह रह के देख रहे हैं उस पेड़ को ! च्यास , एक नया शब्द मिला !! आज फिर से ओरछा की सब पोस्ट पढ़ीं दोबारा से ! मजा आ जाता है !! Yogi Saraswathttps://www.blogger.com/profile/17101659017154035233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-86206241144309362732017-02-12T07:37:44.205+05:302017-02-12T07:37:44.205+05:30बहुत सुन्दर तथा रोचक पोस्ट एवं चित्र संयोजन भी उम्...बहुत सुन्दर तथा रोचक पोस्ट एवं चित्र संयोजन भी उम्दा. ओरछा सिरीज़ की इस आखिरी पोस्ट को बहुत इंजॉय किया. स्मृतियाँ शेष....Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02445104775042211453noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-91212326760347414882017-01-27T13:20:13.893+05:302017-01-27T13:20:13.893+05:30आभार आर डी भाई !
मंदिरों को छतरी नही कहा जाता है,...आभार आर डी भाई ! <br />मंदिरों को छतरी नही कहा जाता है, दरअसल ये बुंदेला शासकों की समाधियां है । जिस तरह मुस्लिम मकबरे बनाते है, उसी तरह हिन्दू छतरी बनाते है ।प्रारम्भ में मृतकों की याद को बनाये रखने के लिए उनके दाह स्थल या दफ़नाने वाले स्थल पर पत्थर रखे जाते थे, जिन्हें महापाषाण (megalith) कहते थे । फिर कालांतर में इन्हें कलात्मक छतरीनुमा बनाने लगे , जिसे छत्रक कहा गया । मुस्लिमों के आने के बाद उनके मकबरों की तर्ज पर ये समाधियां भी भव्य बनाई जाने लगी , इन्ही को छतरी कहते है । मध्य प्रदेश और राजस्थान में ज्यादा है ।मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-49871145936906922772017-01-26T20:15:50.585+05:302017-01-26T20:15:50.585+05:30कटरीना पेड़ से चिपकने वाले उन "पुरुषों" क...कटरीना पेड़ से चिपकने वाले उन "पुरुषों" का आपने नाम तो न लिया, पर उन्हें सबूत के साथ साक्षात् दिखा दिया! हा हा हा <br /><br />एक नया शब्द आपने गढ़ा "च्यास " गजब!<br /><br />एक बात जानना चाहता हूँ... इन मंदिरों को छतरी क्यों कहा जाता है?RD Prajapatihttps://www.blogger.com/profile/03467638002169360349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-78003519375139962292017-01-24T20:42:17.503+05:302017-01-24T20:42:17.503+05:30वापस से वह सारे क्षण याद आ गए..स्मृतिपटल से उन लम्...वापस से वह सारे क्षण याद आ गए..स्मृतिपटल से उन लम्हों की यादे जाने का नाम ही नहीं लेती...बहुत बढ़िया आपके द्वारा लिखा गया एक एक शब्द इस महामिलन को सालो साल याद करने के लिए काफी है...एक एक पल संजोया हुआ है..चाय लिख कर चाय की याद दिला दी..फिर एक एज कप पीने जाना पड़ेगा...Pratik Gandhihttps://www.blogger.com/profile/07320868028206324587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-3521362922642515092017-01-23T20:49:17.654+05:302017-01-23T20:49:17.654+05:30इतिहास में पढ़ाने को मुग़ल हैं ना सूरज हमारे पास.......इतिहास में पढ़ाने को मुग़ल हैं ना सूरज हमारे पास....<br />दुर्भाग्य..😢डॉo प्रदीप त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/02090071653471529195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-62036130025817856072017-01-19T22:32:32.492+05:302017-01-19T22:32:32.492+05:30आभार मित्र ! सौभाग्य तो मेरा है, कि आपसे मिल पाया ...आभार मित्र ! सौभाग्य तो मेरा है, कि आपसे मिल पाया । अफ़सोस व्यवस्थाओं की व्यस्तता में ढंग से मिल भी नही पाया । मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-87772059053493037432017-01-19T22:21:03.484+05:302017-01-19T22:21:03.484+05:30बहुत अच्छा लिखते हैं आप .. आपसे मिलने का सौभाग्य ओ...बहुत अच्छा लिखते हैं आप .. आपसे मिलने का सौभाग्य ओरछा में ही आकर मिलना था धन्य हुआ मैं .. मेरी पनोरमा इमेज को इस यात्रा लेख में जगह दी शुक्रिया पाण्डेय जी Natwar Lal Bhargawahttps://www.blogger.com/profile/06033327028077828502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-91293871589751445532017-01-19T20:09:51.737+05:302017-01-19T20:09:51.737+05:30आभार त्यागी जीआभार त्यागी जीमुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-85742560910489076292017-01-19T20:09:18.499+05:302017-01-19T20:09:18.499+05:30आभार चाहर साहब ! आप स्नेह बनाये रखिये , हमे भी मजा...आभार चाहर साहब ! आप स्नेह बनाये रखिये , हमे भी मजा आता रहे ।मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-86090737993525597212017-01-19T08:36:35.117+05:302017-01-19T08:36:35.117+05:30गज़ब यात्रा वृतान्त।गज़ब यात्रा वृतान्त।Sachin tyagihttps://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-66964863519814852052017-01-19T07:29:28.813+05:302017-01-19T07:29:28.813+05:30बहुत खूबसूरती से वर्णन किया है सर। मजा आ गया। बहुत खूबसूरती से वर्णन किया है सर। मजा आ गया। Satyapal Chaharhttps://www.blogger.com/profile/07864875339378914321noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-89104362764505617962017-01-19T07:28:04.412+05:302017-01-19T07:28:04.412+05:30बहुत खूबसूरती से वर्णन किया है सर। मजा आ गया। बहुत खूबसूरती से वर्णन किया है सर। मजा आ गया। Satyapal Chaharhttps://www.blogger.com/profile/07864875339378914321noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-56177396791228425782017-01-18T22:04:25.620+05:302017-01-18T22:04:25.620+05:30बुआ जी, आप तो पूरी पोस्ट में छाये हुए है । बुआ जी, आप तो पूरी पोस्ट में छाये हुए है । मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-42719965067520151262017-01-18T22:03:15.657+05:302017-01-18T22:03:15.657+05:30संध्या जी आप ने समय निकाल कर मेरी इस पोस्ट पर टिप्...संध्या जी आप ने समय निकाल कर मेरी इस पोस्ट पर टिप्पणी की , यह मेरे लिए किसी प्रोत्साहन से कम नही है । कृपया यूँ ही स्नेह बनाये रखिये । मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4576633608964469350.post-47788629097715495222017-01-18T22:00:46.170+05:302017-01-18T22:00:46.170+05:30उन खूबसूरत यादों को शब्दों में ढालकर उन्हें सहेजने...उन खूबसूरत यादों को शब्दों में ढालकर उन्हें सहेजने का प्रयास कर रहा हूँ । इस ब्लॉग पोस्ट के द्वारा ...<br />आभार प्रतीक भाईमुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.com