विचारों की रेल चल रही .........चन्दन की महक के साथ ,अभिव्यक्ति का सफ़र जारी है . क्या आप मेरे हमसफ़र बनेगे ?
लिखा हुआ भी सागर मेंफिर टिप्पणियों की रीति गागरक्यों रख दी है यहांगांधी जी को छोड़ आए कहां
ab apki baari hai, kuchh kahne ki ...
लिखा हुआ भी सागर में
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क्यों रख दी है यहां
गांधी जी को छोड़ आए कहां