इश्क में मिलती जो सजा, वो सजा कुछ और है
बिछड़ने के बाद होता मिलन, तबका मजा कुछ और है
चांदनी रात में बैठकर, देखे थे कुछ ख्वाब
मेरे ख्याल कुछ और थे, और उनकी रजा कुछ और है
तब होते थे उनके हालात कुछ बदले से
मिलने के बाद अबकी फिजा कुछ और है
बैटन में कशिश होती , और मुलाकातों में खुशबू
पर अब मिलने के बाद , उनका लहजा कुछ और है
इशारों ही इशारों में होती थी तब बातें
मिलती थी तब सजाएं , पर अबकी सजा कुछ और है
तब की बातें कुछ और ही थीं
जवाब देंहटाएंsahi kaha rashmi ji
जवाब देंहटाएंखूबसूरत............
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