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जिन्दगी में किसी का हो जाना , तुमसे सीखाकिसी की आँखों में यूँ खो जाना , तुमसे सीखामोहब्बत, बस नाम सुना था इससे पहलेमोहब्बत में फ़ना हो जाना , तुमसे सीखापहले खोया रहता था, मैं किताबो मेंपर किसी के ख्वाबो में आना , तुमसे सीखासुना था, मोहब्बत में कोई बंदिश नही होती हैहर बंदिश से जुदा हो जाना , तुमसे सीखामहकता था अभी तक बनके मैं 'चन्दन'खुशबू के संग धुआं हो जाना , तुमसे सीखा
अभिव्यक्ति का यह अंदाज निराला है. आनंद आया पढ़कर.
जवाब देंहटाएंsundar prastuti...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन..
जवाब देंहटाएंsahi hai
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