दीयों में नहीं , दिल में भी ज्योत जलाना
दूर हो मन का अँधेरा , ऐसा हो प्रकाश
बस घरों में ही नहीं , जीवन में भी हो उजास
दीप मालाओं सा, प्रकाशित हो जीवन
दूर हो अँधेरा , उज्जवल हो मन
अपने ही नहीं , दूजों के जीवन में खुशियाँ लाना
अबकी दिवाली ऐसी मनाना
खुशियों से उन्हें भर दो , जो दिल है खाली
खुद तक सीमित न रखना ये दिवाली
रोशन हो उनके घर भी, जिनकी सूनी है थाली
सबके घर हो रोशन , ऐसी हो दिवाली
दीयों में नहीं , दिल में भी ज्योत जलाना
अबकी दिवाली ऐसी मनाना
साल भर में आता है, दीपावली का त्यौहार
जवाब देंहटाएंमिल बाँटकर खुशियाँ मनाये बढ़ता है प्यार,,,,
RECENT POST : समय की पुकार है,
aabhar dheerendra ji
हटाएंदमदार प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंgupta ji shukriya !
हटाएंजी यही कोशिश करेंगे ... :)
जवाब देंहटाएंभुने काजू की प्लेट, विस्की का गिलास, विधायक निवास, रामराज - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
bura bhala sab sweekar
हटाएंis diwali ho sabka uddhar
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार 6/11/12 को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका स्वागत है ।
जवाब देंहटाएंaabhar !
हटाएंyu hi sneh banaye rakhiye .
जरूर ,
जवाब देंहटाएंदीवाली की शुभकामनायें |
सादर
shastri ji saadar pranam !
जवाब देंहटाएंदीपावली की अग्रिम शुभकामनाए,,,,
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया उम्दा प्रस्तुति,,,,,
RECENT POST:..........सागर
वाह महाराज...
जवाब देंहटाएंवाह महाराज...
जवाब देंहटाएंशुभ दीपावली
जवाब देंहटाएंआपको भी सपरिवार शुभकामनाएं
हटाएंपढ़कर मन प्रसन्न हो गया,सचमुच दीपावली का अर्थ भी यही होना चाहिए।दीपावली की हार्दिक बधाई आपको एवं परिवार को।
जवाब देंहटाएंआनाघा बधाई । खूबसूरत पंक्ति और सार्थक विचार
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