हार गये सारी बाजी, हर कसौटी पर कम निकले
अब आरज़ू है , कि किसी तरह बस दम निकले
हर तरह की आजमाईश , हमने की हर तरकीब
क्या पता था ? हमरी कोशिशें उन पर सितम निकलें
जीने की आरज़ू नही अब , ख़त्म हो गया जहाँ
खुश रहे वो , जब कभी हमारा कफ़न निकलें
हो गये तबाह , पर अब गम क्या करें ,
मिले खुशियाँ उन्हें , जब-जब हमारा सनम निकलें
महक बाकि रहेगी ताउम्र, मेरी मोहब्बत की
चिता की राख को संभल के रखना , क्या पता वो 'चन्दन 'निकले
अब आरज़ू है , कि किसी तरह बस दम निकले
हर तरह की आजमाईश , हमने की हर तरकीब
क्या पता था ? हमरी कोशिशें उन पर सितम निकलें
जीने की आरज़ू नही अब , ख़त्म हो गया जहाँ
खुश रहे वो , जब कभी हमारा कफ़न निकलें
हो गये तबाह , पर अब गम क्या करें ,
मिले खुशियाँ उन्हें , जब-जब हमारा सनम निकलें
महक बाकि रहेगी ताउम्र, मेरी मोहब्बत की
चिता की राख को संभल के रखना , क्या पता वो 'चन्दन 'निकले