दीयों में नहीं , दिल में भी ज्योत जलाना
दूर हो मन का अँधेरा , ऐसा हो प्रकाश
बस घरों में ही नहीं , जीवन में भी हो उजास
दीप मालाओं सा, प्रकाशित हो जीवन
दूर हो अँधेरा , उज्जवल हो मन
अपने ही नहीं , दूजों के जीवन में खुशियाँ लाना
अबकी दिवाली ऐसी मनाना
खुशियों से उन्हें भर दो , जो दिल है खाली
खुद तक सीमित न रखना ये दिवाली
रोशन हो उनके घर भी, जिनकी सूनी है थाली
सबके घर हो रोशन , ऐसी हो दिवाली
दीयों में नहीं , दिल में भी ज्योत जलाना
अबकी दिवाली ऐसी मनाना