चिकल्लस
एक बुजुर्ग एक बच्चे को दुलार रहे थे ।
मेरा चिकल्लस , मेरा चिकल्लस पुकार रहे थे ।
मेरा चिकल्लस सुन मुझे हैरानी हुई ।
बच्चे का नाम चिकल्लस ये कैसी कहानी हुई ।
बुजुर्ग - मेरी बेटी विदेश गयी थी पढने अकेली।
अपनी डिग्री के साथ ले आयी ये पहेली ।
अब उसके साथ साथ ये मेरे लिए भी चिकल्लस बन गया ।
बस इसी तरह इसका नाम चिकल्लस पड़ गया ।
मैंने सोचा अगर बेटियाँ इसी तरह विदेश जायेंगी अकेली ।
और अपने साथ लेके आयेंगी चिकल्लस की पहेली।
तो आगे का ज़माना कुछ और होगा ।
शायद वो चिक्ल्ल्सो का दौर होगा !!
आपका ही मुकेश पांडे ' चंदन '
विचारों की रेल चल रही .........चन्दन की महक के साथ ,अभिव्यक्ति का सफ़र जारी है . क्या आप मेरे हमसफ़र बनेगे ?
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यह तो चकल्लस ही है. इस तरह के चकल्लस देसी भी होते हैं. बहुत मजा आया. आभार.
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