आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाये !
आज ब्लोगिंग जगत में बहुत से लोग हिंदी के बारे में लिखेंगे , बहुत से कार्यक्रम होंगे , हिंदी की बेइज्जती और सम्मान भी होगा । और कल फिर हिंदी भुला दी जाएगी । आज हिंदी इस दशा पर आंसू भी नही निकलते !!!!
ब्लोगिंग जगत में मैं समीर लाल 'समीर" (उड़नतश्तरी ) जी का ह्रदय से आजीवन आभारी रहूँगा , क्योंकि अगर वो न होते तो शायद इस ब्लॉग को आप न पढ़ पाते । कनाडा जैसे आंग्लभाषी राष्ट्र में रहकर हिंदी की इतनी सेवा करना समीर जी जैसा कोई बिरला (सीमेंट नही ) ही कर सकता है । सर्वप्रथम समीर जी सारे हिंदी ब्लोगेर्स की और से मैं आपको कोटि कोटि नमन करता हूँ । तत्पश्चात बाकि हिंदी सेवी लोगो को भी मेरा नमन !!!
मेरे मन में आज की हिंदी को लेकर कुछ ख्याल आ रहे है .............
न चुनर बची न चिंदी !
वाह रे ! मेरे देश की राजभाषा हिंदी
अपने ही देश में तू परायी है
हिंदी बोलने में क्यों हमें शर्म आई है
तकनीक में भी अंग्रेजी नही है मज़बूरी
तो भैया , क्यों है हिंदी से दुरी
जिसने हमें पाला पोसा
उसी का हमने तोडा भरोसा
उसी का हमने तोडा भरोसा
थोड़े पढ़ लिख कर बन गये अंग्रेज
हिंदी टूटी खटिया और विदेशी को सुन्दर सेज
राम भरोसे अपनी भाषा
हिन्दलिश में होती , नयी परिभाषा
अरे कपूतो ! अब तो आँखे खोलो
घर में ही सही , अपनी भाषा तो बोलो
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
ab apki baari hai, kuchh kahne ki ...