दोस्तों,
सलाम नमस्ते ,
एक बार दो पुराने दोस्त एक ही जगह से दो अलग अलग पार्टी से चुनाव लड़े। संता को कांग्रेस ने टिकट दिया और बनता को भाजपा ने । दोनों जम के प्रचार करने लगे । एक दिन दोनों की मुलाकात एक होटल में दोपहर के समय हो गयी। दोनों अपने अपने समर्थको के साथ खाना खाने आए थे । दुआ सलाम के बाद दोनों ने एक दुसरे का हल हल पूछा ।
संता- क्यो भाई कैसे कर रहे हो प्रचार?
बनता- बस भाई कुच्छ खास नही , जैसे इस होटल में खाना खाने आया हूँ तो खाने के बाद होटल के खाने की जम की तारीफ करूँगा फ़िर बिल से ज्यादा पैसा चुकाऊंगा , बेतार को भी ज्यादा टिप दूंगा और आखिर में कहूँगा , भाई वोट भाजपा को देना ।
और तुम किस तरह अपना प्रहार कर रहे हो भाई ?
संता - बस कुछ तुम्हारी ही तरह है । जिसे मैं भी तुम्हारी तरह होटल में खाना खाने जाता हु । खाना खाने के बाद होटल और बेतार दोनों को जम के कोसता हूँ । सौ दो सौ गलिया देता हूँ । फ़िर हाथ जोड़ के कहता हूँ भाई सब वोट भाजपा ही को देना । !!
विचारों की रेल चल रही .........चन्दन की महक के साथ ,अभिव्यक्ति का सफ़र जारी है . क्या आप मेरे हमसफ़र बनेगे ?
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orchha gatha
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बहुत अच्छे
जवाब देंहटाएंमजा आ गया
punah dhanyawad .
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