विचारों की रेल चल रही .........चन्दन की महक के साथ ,अभिव्यक्ति का सफ़र जारी है . क्या आप मेरे हमसफ़र बनेगे ?
शनिवार, 7 जनवरी 2012
नव वर्ष आया .................पत्रिका :जबलपुर में १ जनवरी को प्रकाशित
आप सभी को देर से ही सही नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये , दर असल मैं जबलपुर में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग -२०१० की मुख्य परीक्षा में व्यस्त था । अभी फुर्सत मिली है , तो आपके सामने पत्रिका (अखबार) के १ जनवरी के नैनो अंक के मुखप्रष्ठ पर पहली कविता मेरी प्रकाशित हुई , हालाँकि अन्दर के पृष्ठों में २०-२५ कवितायेँ थी । उसी को ज्यों का त्यों प्रस्तुत कर रहा हूँ .......
नव, नूतन , नवल नया वर्ष आया है
नई उमंग, नई आशा संग लाया है
कुछ ऐसी खुशियाँ मिले नए साल में
स्वाभिमान जगे, यूं तिलक लगे भाल में
अश्रु बहे तो खुशियों से होके सराबोर
दमके जीवन, मुस्कान हो हर और
चाँद सितारे झोली में, ऐसा हो दामन
सब कुछ शाश्वत , मन हो पावन
रात भी आये , पर भटके न सवेरा
तपती धुप में हो, चैन का बसेरा
नव, नूतन , नवल हो अभिनन्दन
हर ओर खुशबू हो , जैसे महके 'चन्दन'
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orchha gatha
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चंदन की महक है महकेगी हर ओर
जवाब देंहटाएंनववर्ष लाएगा खुशियों की डोर