सभी ब्लोगेर्स साथियों को पावन रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाये . रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का एक अनूठा त्यौहार है . इस दिन का सभी बहनों को बड़ी बेसब्री से इन्तजार होता है . लेकिन इस बार रक्षाबंधन के दिन मैं अपनी बहन को राखी बंधवाने के बाद उसे जब स्टेशन छोड़ने जा रहा था , तो मन बड़ा व्यथित था .अभी तक तो सभी रक्ष्बंधन साथ मनाये थे , लेकिन उसकी शादी के बाद ये विछोह ...पुरानी यादों को फिल्म की रील की तरह फ्लेश बैक में ले जा रहा था . बचपन की बातों से लेकर अब तक की सारी बातें एक एक करके याद आ रही थी . वो बात -बात में लड़ना -झगड़ना , रूठना-मनाना और न जाने कितनी बातें ............
तुम्हारे जाने से, जीवन में एक कमी सी तो है
आँखे कुछ ढूंढे , इनमे भी नमी सी तो है
दुनिया की रीत है, एक दिन था तुम्हे जाना
आखिर क्यों कोई अपना , हो जाता बेगाना
वो बचपन की बातें , वो होती तकरार
बस तेरी याद बची , कहाँ तेरा प्यार ?
मेरे लिए सब कुछ थी तुम , अब जाने कहाँ गुम
वो तुम्हारी बकबक , अब तुम्हारी तस्वीर गुमसुम
हर पल हर लम्हा तुम्हारी याद दिलाता
अब जाना, कि ये रिश्ता क्या कहलाता
मुझे पता है , वहां तुम्हारी आँखों में भी होगा पानी
पर शायद , मिलना-बिछड़ना ही है जिंदगानी
कैसे भूलूं , कैसे याद करूँ , प्यारी बहना
जब बोलते आंसू , तो जुबाँ से कहना
सोच के तुम्हारी मुस्कराहट , आंसू निकल आते
काश ! फिर कहीं से वो बीते पल मिल जाते
bahut sunder abhivyakti........
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना....
जवाब देंहटाएंkhubsurat........... rakhi ki shubhkamnayen..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर............
जवाब देंहटाएंइस पावन पर्व की शुभकामनाएं.
अनु
बहुत बेहतरीन प्रस्तुति,,,,,
जवाब देंहटाएंरक्षाबँधन की हार्दिक शुभकामनाए,,,
RECENT POST ...: रक्षा का बंधन,,,,
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