विचारों की रेल चल रही .........चन्दन की महक के साथ ,अभिव्यक्ति का सफ़र जारी है . क्या आप मेरे हमसफ़र बनेगे ?
सोमवार, 9 जनवरी 2012
उपहार :कविता
एक दिन जरुरी काम से , मैं गया एक कार्यालय
वहां सब मस्ती में थे, सब की थी अपनी लय
काम करवाने की नीयत से मैं, पहुंचा अधिकारी कक्ष की ओर
चपरासी ने रोका, साहब बिजी है! आना किसी दिन और
बहुत जरुरी काम है , नही है मेरे पास फिर आने का वक़्त
लौट जाओ , बिना उपहार वालो के लिए कानून है सख्त
"उपहार " आपके कहने का क्या प्रयास है ? क्या साहब का जन्मदिन आसपास है ?
जन्मदिन वाला उपहार साहब स्वीकार नही करते बिना उपहार वालो के लिए अपना समय बेकार नही करते
अरे भाई , ऑफिस में क्या है उपहार का काम ? उपहार तो है समारोहों का ताम झाम
ऑफिस में बिन उपहार के नही बनता है कोई काम
क्योंकि भैया उपहार है, "रिश्वत" का नया नाम
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orchha gatha
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क्या बात है ,लाजवाब शब्दोँ का तमाचा जङा है आपने
जवाब देंहटाएंshukriya mithilesh ji
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