विचारों की रेल चल रही .........चन्दन की महक के साथ ,अभिव्यक्ति का सफ़र जारी है . क्या आप मेरे हमसफ़र बनेगे ?
शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012
जिंदगी और मौत
हर किसी की जिन्दगी में एक बार आती है मौत
हर कदम पर कड़वा सच, जिंदगी का दिखाती है मौत
जिंदगी तो करती वेबफाई, पर अपने संग ले जाती है मौत
जिंदगी के कई रंग है, पर एक ही रंग दे जाती है मौत
जिंदगी करती भेदभाव, पर सब के साथ इन्साफ करती है मौत
जिंदगी लगाती दामन में दाग, उस दाग को साफ़ करती है मौत
जिंदगी देती हरदम भागदौड, पर उससे आराम देती है मौत
काम ही काम होते है जिंदगी में, पर उन्हें अंजाम देती है मौत
नींद छीन लेती है जिंदगी, पर हर किसी को सुलाती है मौत
पास होते हुए भी है, जो जिन्दगी से दूर, उन्हें पास बुलाती है मौत
हकीकत है ये जिंदगी की, ये बात सबको डराती है मौत
हर किसी को अपनी सच्चाई का अहसास कराती है मौत
जिन्दगी सूखे पालने में, तो 'चन्दन' की चिता के साथ आती है मौत
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orchha gatha
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Mout ko Bhi shabdon mein utaarne ka prayaas ... Bada dushkar prayaas hai ...
जवाब देंहटाएंdigambar ji mout bhi kahan aasan hai ?
जवाब देंहटाएंसटीक और सही संदेश देती अद्भुत अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंलबे अंतराल के बाद नई पोस्ट पर आपका स्वागत है !
जवाब देंहटाएंब्लॉग जगत की बड़ी शख्सियत.....संजय भास्कर
http://sanjaybhaskar.blogspot.in/2012/04/blog-post.html
संजय भास्कर
सुंदर अतिसुन्दर अच्छी लगी, बधाई
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