रविवार, 20 सितंबर 2009

मजहब

मजहब सिखाता है , आपस में सब भाई भाई

तो भइया क्यो होती है , मजहब के नाम पे लडाई

क्या मजहब के बन्दों को मजहब का पाठ समझ न आया

क्यों मजहब के नाम पर, इन बन्दों ने खुनी रंग चढाया

इनको मजहब का पाठ पढ़ा दे कोई ज्ञानी

समझा दे इनको खून खून है , नही है पानी

अमन का संदेसा देकर इनको, बंद करवा दे मौत का तमाशा

होता रहा ये सब तो कुछ न बचेगा, न मजहब न खुनी प्यासा

मन्दिर के घंटे चीखे, चिल्लाएं मस्जिद की अजाने

मजहब की लडाई बंद कर दो, ओ मजहबी दीवाने

अपने मंसूबो की खातिर, क्यों करते हो मजहब बदनाम

एक संदेशे नानक ईसा के , एक ही आल्लाताला राम

मित्रो , आप सभी को नवरात्री और ईद की दिल से ढेर शुभकामनाये ।

5 टिप्‍पणियां:

ab apki baari hai, kuchh kahne ki ...

orchha gatha

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