बुधवार, 4 जुलाई 2012

कहाँ गया सावन ?

मित्रो ,
सावन ने दस्तक ने दस्तक दे दी है , मगर मन  है  कि मानने को तैयार ही नही है ! अरे सावन ऐसे आता है ? इस बार के सावन को देख कर लग रहा है, इन्द्र के यहाँ भी यूपीए कि सरकार बन गयी है. लगता है सावन भी घोटाले का शिकार हो गया है . अब प्रणब दा सरकार में रहे नही वरना  आंकड़े पेश करते और बताते आया सावन झूम के ! सचमुच किसानो की आँखों से आंसू टपकने  लगे .......फसलें सूखने की कगार पर आ  गयी है , तो दूसरी और असम में  ब्रम्हपुत्र  की बाढ़ से हजारो लोग त्राहि-त्राहि कर रहे  है 
कभी बाढ़ तो कभी सूखा
भारत  भूखा का भूखा  !
सावन का नाम सुनते ही बचपन की याद आने लगती है , बचपन में सिर्फ सावन के महीने  में ही खिलौने बिकते थे (तब चाईनीज खिलौने नही आते थे ). पूरी साल सावन का इन्तजार रहता था . खिलौनों की वैरायटी भी सीमित होती  थी .

13 टिप्‍पणियां:

  1. सावन ने दस्तक दे दी,पर बारिश का तो पता नही
    अषाढ़ तो निकल गया, पर हरियाली का पता नही|

    MY RECENT POST...:चाय....

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  2. उमस से बेहाल हुए जा रहें है ..डर है कहीं इन्द्र तक कोई पहुच गया हो और सावन न बरसने की फिक्सिंग हो गयी हो....देखते हैं कब तक ये राज खुल पाता है ..
    ..बढ़िया प्रस्तुति

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  3. बहुत मनमोहक झरना है... अभी पास होता तो हम भी धुड़े चले जाते ......यूँ उमस से बेहाल न होते ..

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  4. सावन की दस्तक ...इन्तजार में बैठे थे जी

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ab apki baari hai, kuchh kahne ki ...

orchha gatha

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