शुक्रवार, 1 जून 2012

एक था पानी .....

आओ सुनाइए , तुम्हे भविष्य की कहानी
चार छः बच्चो से घिरी, बुढ़िया नानी 
 बच्चे बोले- नानी हमें सुनाओ कोई कहानी
नानी बोली- एक था राजा, एक थी रानी
बच्चे- नही सुन्नी ये घिसी-पिटी कहानी
जो हमने सुनी हो, सुनाओ ऐसी कहानी
सुनाते हम उसकी कहानी, जो था हमारी जिंदगानी
कल कल वो बहता, झर झर वो गिरता थी ये रवानी
टप टप गिरता वो, जब जब आती रुत मस्तानी
हर जगह था वो, हर जगह थी आसानी
वो था अनमोल , पर हमने उसकी कदर जानी
धीरे-धीरे गायब हुआ वो, कर सके कुछ विज्ञानी
उसके लिए युद्ध हुए, कोई जीता, किसी को पड़ी मात खानी
अनमोल फिर मोल बाधा, आखिर ख़त्म हुई उसकी जवानी
अब वो फिल्मो, तस्वीरों में है, हो गयी ये बात पुरानी
हमारी वेबकूफी ने ,छीनी इस धरा की अनमोल निशानी
उसका नाम क्या था, हमको बतला दो नानी
वो राजा था, रानी, बस समझो एक था पानी
 

20 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. बहुत बहुत आभार रश्मि जी ..........आज दिल के खुश होने का दिन है !

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  2. उत्तर
    1. समीर जी , बहुत दिनों बाद आने का कोई शिकवा नही , मगर दिल खुश है ,कि आप आये तो .........आभार

      हटाएं
  3. वाह ,,,,, बहुत सुंदर कहानी,,,,एक था पानी,,,भविष्य की कहानी,,,,,

    RESENT POST ,,,, फुहार....: प्यार हो गया है ,,,,,,

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  4. आज तो धन्य हो गया मैं ! ब्लोगिंग में मेरे मार्गदर्शक रश्मि प्रभा जी और समीर लाल जी दोनों प्रारंभिक टिप्पणीकर्ता है ! दिल खुश हो गया !!

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  5. न वो राजा था, न रानी, बस समझो एक था पानी ... ये कहानी तो अवश्‍य पसंद आई होगी ... बहुत अच्‍छा लिखा है

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  6. पानी के महत्त्व कों उजागर करती सुन्दर कृति ...
    अनमोल है पानी ...

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  7. न होगी वो नानी
    कहे जो कहानी
    बचा गर सके न
    धरा का ये पानी

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  8. हम अपने हाथों अपनी मौत का सामान तैयार कर रहे हैं।

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  9. वाह मुकेश जी पानी के महत्त्व पर बहुत सशक्त और सुन्दर रचना रची है आपने...

    जवाब देंहटाएं

ab apki baari hai, kuchh kahne ki ...

orchha gatha

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