गुरुवार, 31 मई 2012

भारत बंद !

आज भाजपा ने रखा भारत बंद
जो संसद में खाते  रहे कलाकंद
इतने घोटाले, इतनी महंगाई
फिर इनके मुह में लगी थी जंग
आपस में लड़ने से फुर्सत नही
और सड़क पर झंडा बुलंद
इतनी नाकारा  है सरकार
फिर भी न लगा सके  पेबंद
बस आम    आदमी हो परेशान
इसी शान में करते रहो भारत बंद
टू जी, आदर्श, कॉमन  वेल्थ
महंगाई , भ्रष्टाचार ,के कितने रंग
बस तुम करते रहना , भारत बंद
बंद की जगह , खोलो दिमाग  के ताले
तब देश का सुधरेगा रंग ढंग
फिर भी कुछ न कर सके
तो कार्लो अपनी दुकान बंद
-मुकेश पाण्डेय "चन्दन"  

15 टिप्‍पणियां:

  1. सच कहा मुकेश जी....
    बंद की जगह , खोलो दिमाग के ताले
    तब देश का सुधरेगा रंग ढंग

    काश कोई समझे.....

    अनु

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    उत्तर
    1. एक्सप्रेशन जी , काश कोई नही समझे की जगह , हमें ही समझना होगा , क्योंकि इन्हें हमने तो ही चुन कर भेजा !

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  2. Ye dukanen bandbhi nahi karenge aur Kaam Bhi nahi ... Inko janta se kya matlab ...

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    उत्तर
    1. दिगंबर जी , इनकी दुकान भी बंद हो सकती है , अगर जनता जागे जैसे १९७७ में जगी थी !

      हटाएं
  3. नेताओं के भारत बंद से कुछ नही होगा,करना तो हम सबको पडेगा,,,,,

    बढ़िया प्रस्तुति,सुंदर रचना,,,,,

    RECENT POST ,,,, काव्यान्जलि ,,,, अकेलापन ,,,,

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. धीरेन्द्र जी ,
      बिलकुल सही कहा ! बिना जनता के कोई बड़ा परिवर्तन नही हो सकता है

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  4. खोलो दिमाग के ताले
    तब देश का सुधरेगा रंग ढंग
    फिर भी कुछ न कर सके
    तो कार्लो अपनी दुकान बंद
    ..............sab kuch karke bhi sarkar ke kaano me joo tak nahi rengti

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  5. बिलकुल सही कहा मुकेश जी ..काश कोई इतनी सी बात समझ पाता...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. महेश्वरी जी ,देश हमारा है , तो हमें भी तो कोशिश करनी होगी , वरना कल हम इतिहास को क्या मुह दिखायेंगे !

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  6. उत्तर
    1. पूनम जी ,
      शुक्रिया !
      मेरे ब्लॉग पर प्रथम आगमन पर स्वागत है !

      हटाएं
  7. सभी आगंतुको को आभार सहित धन्यवाद् !

    जवाब देंहटाएं

ab apki baari hai, kuchh kahne ki ...

orchha gatha

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