हर फूल में होती है, तुम्हारी खुशबू
हर बहार में होता है, तुम्हारा जादू
हर कली में दिख जाती है, तुम्हारी मुस्कान
हर भंवरे से करता हूँ , तुम्हारा अरमान
कुदरत के हर रंग में दिख जाती तुम
बादलों में भी बिजली सी आती जाती तुम
ठंडी हवा से मुझे सहलाती तुम
बारिश की बूंदों में जी बहलाती तुम
चाँद भी हर रात करता, तुम्हारा ही अहसास
सुबह की पहली किरण सी ताजा तुम्हारी आस
बहते झरने की कलकल सी तुम्हारी प्यास
शबनम की ठंडक में है, तुम्हारा विश्वास
कोंपल sa प्रफुल्लित , है तुम्हारा मन
सरिता का निर्मल जल है , तुम्हारा दर्पण
बस तुम्हारे लिए , मैं भटकता वन-उपवन
और तुम महकती , मेरे भीतर बनके 'चन्दन'
हर बहार में होता है, तुम्हारा जादू
हर कली में दिख जाती है, तुम्हारी मुस्कान
हर भंवरे से करता हूँ , तुम्हारा अरमान
कुदरत के हर रंग में दिख जाती तुम
बादलों में भी बिजली सी आती जाती तुम
ठंडी हवा से मुझे सहलाती तुम
बारिश की बूंदों में जी बहलाती तुम
चाँद भी हर रात करता, तुम्हारा ही अहसास
सुबह की पहली किरण सी ताजा तुम्हारी आस
बहते झरने की कलकल सी तुम्हारी प्यास
शबनम की ठंडक में है, तुम्हारा विश्वास
कोंपल sa प्रफुल्लित , है तुम्हारा मन
सरिता का निर्मल जल है , तुम्हारा दर्पण
बस तुम्हारे लिए , मैं भटकता वन-उपवन
और तुम महकती , मेरे भीतर बनके 'चन्दन'
कोंपल sa प्रफुल्लित , है तुम्हारा मन
जवाब देंहटाएंसरिता का निर्मल जल है , तुम्हारा दर्पण
बस तुम्हारे लिए , मैं भटकता वन-उपवन
और तुम महकती , मेरे भीतर बनके 'चन्दन'
बहुत सुंदर सार्थक अभिव्यक्ति // बेहतरीन रचना // चन्दन जी //
MY RECENT POST ....काव्यान्जलि ....:ऐसे रात गुजारी हमने.....
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंबस तुम्हारे लिए , मैं भटकता वन-उपवन
जवाब देंहटाएंऔर तुम महकती , मेरे भीतर बनके 'चन्दन...
Beautiful presentation..
.
वाह....................
जवाब देंहटाएंअनुपम...........
चाँद भी हर रात करता, तुम्हारा ही अहसास
सुबह की पहली किरण सी ताजा तुम्हारी आस
बहुत सुंदर ...............
अनु
इसी कों प्रेम कहते हैं ... वो ही वो बस वो ही वो ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...
sahi kaha digambar ji
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