विचारों की रेल चल रही .........चन्दन की महक के साथ ,अभिव्यक्ति का सफ़र जारी है . क्या आप मेरे हमसफ़र बनेगे ?
बुधवार, 22 फ़रवरी 2012
ख्वाबो में तुम आते हो .....
हर गुजरती रात में ख्वाबो में तुम आते हो
और हर ख्वाब में दिल में आग तुम लगाते हो
आखिर क्या खता की हमने जो हमें ये सिला मिला
दिन-ब-दिन क्यों मुझ पर इतने सितम ढाते हो
पल दो पल के लिए मिलती है कुछ खुशियाँ
क्यों दो पल का एक अहसास तुम जागते हो
ये मुस्कुराहते कभी हो पायेगी हकीकत
या सिर्फ ख्वाबो में ही तुम मुस्कुराते हो
वो ख्वाबो की तुम्हारी हसीं अदाएं
आखिर क्यों दिल में एक आरज़ू तुम जगाते हो
है उस हसीं पल का इंतज़ार, जब होगी मुलाकात
या फिर सिर्फ ख्वाबो के ' चन्दन' महकाते हो
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
orchha gatha
बेतवा की जुबानी : ओरछा की कहानी (भाग-1)
एक रात को मैं मध्य प्रदेश की गंगा कही जाने वाली पावन नदी बेतवा के तट पर ग्रेनाइट की चट्टानों पर बैठा हुआ. बेतवा की लहरों के एक तरफ महान ब...
-
जटाशंकर और भीमकुण्ड की रोमांचक यात्रा नमस्कार मित्रो, बहुत दिनों बाद ब्लॉग पर पोस्ट लिखने का मन हुआ है. कारण कार्य की व्यस्तता और फेस...
-
बुंदेलखंड भारत के इतिहास में एक उपेक्षित क्षेत्र रहा है, जब हम भारतीय इतिहास को पढ़ते हैं ,तो हमें बुंदेलखंड के बारे में बहुत कम या कहें...
-
ब्राह्मणों की कहानी अपनी एक पुरानी पोस्ट में ब्राह्मणों के बारे जानकारी दी थी, जिसे पाठकों द्वारा जबरदस्त प्रतिसाद मिला । मित्रों, ...
bahut achchha hai.g
जवाब देंहटाएंवाह बेहतरीन !!!!
जवाब देंहटाएंक्या बात पाण्डेजी 👌
जवाब देंहटाएंक्यों अक्सर तुम ख्वाब में सताते हो
कुछ पल आकर नजदीक भी बिताते हो
फिर कुछ भ्रम सा देकर
मिलो दूर आखो से ओझल हो जाते हो ।