शुक्रवार, 16 मार्च 2012

बहने दो झरने प्यार के ..
















बहने
दो झरने प्यार के
उड़ा दो पंछी इंतज़ार के
घटाएं छाने दो ख़ुशी की
चलने दो बयार हंसी की
खिलने दो कलियाँ मुस्कुराहटो की
उड़ने दो तितलियाँ जगमगाहटो की
झील बना दो सम्पन्नता की
नदियाँ बहा दो प्रसन्नता की
गमो की धुप में बनाओ, अपनेपन की छाया
बनाओ संसार ऐसा, जिसमे हर्ष ही हर्ष समाया
भूल जाओ गीत अत्याचार के
बहने दो झरने प्यार के

2 टिप्‍पणियां:

ab apki baari hai, kuchh kahne ki ...

orchha gatha

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