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सोमवार, 19 मार्च 2012
नीलकंठ : एक और सुन्दर भारतीय पक्षी
नमस्कार मित्रो ,
मैंने अपनी पक्षी श्रृंखला के अंतर्गत अभी तक आप लोगो को गौरैया, कौआ, गिद्ध और दूधराज आदि भारतीय पक्षियों के बारे में जानकारी दी । (जो लोग देर से आये वो मेरी पुरानी पोस्टो पर नज़र डाल सकते है) इस पोस्ट में मैं एक और सुन्दर भारतीय पक्षी नीलकंठ के बारे में बताने जा रहा हूँ । हालाँकि यह पक्षी हमारी संस्कृति में इतना रचा-बसा है , कि चार राज्यों ने इसे अपना राज्य पक्षी घोषित किया है ।( बिहार, कर्नाटक , आन्ध्र प्रदेश और ओड़िसा )। इसी से आप इस सुन्दर पक्षी के महत्त्व को जान सकते है ।
भारतीय संस्कृति में इस पक्षी का बहुत महत्व है । विजयदशमी यानि दशहरा के दिन नीलकंठ के दर्शन करना बड़ा शुभ माना जाता है । कहा जाता है कि अगर दशहरा के दिन नीलकंठ दिखे तो उससे यह कहना चाहिए -
नीलकंठ तुम नीले रहियो , दूध भात के भोजन करियो
हमार बात राम से कहियो, जगत हिये तो जोर से कहियो
सोअत हिये तो धीरे से कहियो, नीलकंठ तुम नीले रहियो
नीलकंठ का नाम उसके शारीरिक रंग के नीले होने के कारण पड़ा । इसका नाम हिन्दू देवता शिव के नाम नीलकंठ का पर्याय है । भगवान् शिव को अपने कंठ में विष धारण करने से नीले हुए कंठ के कारण नीलकंठ कहा जाता है । अक्सर लोग किलकिला या मछारखावा (किंगफिशर ) को गलती से नीलकंठ समझ लेते है । वैसे एक अजीब बात ये है , कि नीलकंठ पक्षी का कंठ नीला नही बादामी रंग का होता है । हाँ सर के ऊपर का हिस्सा , पंख और पूंछ का रंग जरुर नीला होता है ।
नीलकंठ का जीव वैज्ञानिक नाम 'कोरासियास बेंगालेन्सिस ' है , जबकि इसे अंग्रेजी में 'इंडियन रोलर' कहा जाता है है । यह सम्पूर्ण भारत में पाया जाता है । इंडियन रोलर के अलावा पर्सियन रोलर और यूरोपियन रोलर विश्व में नीलकंठ की अन्य प्रजातियाँ है। यह अक्सर खेतों में , बिजली के तारों पर बैठा दिख जाता है । खेतों में उड़ने और मिलने वाले कीटों, टिड्डोऔर झींगुरों को यह बड़े मजे से खाता है । इस तरह से ये भारतीय किसानो का सच्चा मित्र है । लेकिन यह कृषक मित्र पक्षी भारतीय किसानो द्वारा कीटनाशको के प्रयोग के कारण आज खतरें में है । पहले ये खेतो में आसानी से दिख जाते थे, लेकिन दिनों दिन इनकी संख्या में गिरावट हुई है । बस हम यही दुआ कर सकते है कि
नीलकंठ तुम नीले रहियो ...........
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नीलकंठ देखा है हमने, जानकारी अच्छी लगी -आभार !
जवाब देंहटाएंभारत में हमारे घर पक्षियों के लिये दाना-पानी सब रखा जाता है.
यहाँ अमेरिका में पक्षियों का दाना अलग आता है ,घर की चीज़ें डाली जायँ तो वे छूते भी नहीं.
इन पक्षियों की आवाज़ें भी सुनवा सकते हैं क्या?लेख का आकर्षण और बढ़ जायेगा.
pratibha ji vada to nhi karta lekin koshish jaroor karunga. is bahumuly sujhav ke liye shukriya
हटाएंसुंदर और उपयोगी जानकारी!
जवाब देंहटाएंjee shukriya
हटाएंThanks for writing about rare and beautiful birds. keep it up...
जवाब देंहटाएंwelcome kalavoor ji
हटाएंi like your information its wonderful and thank u for giving info about birds it helped me in my project so thank u very much. Please continue to post such info about rare and beautiful birds :)
जवाब देंहटाएंसुन्दर चित्र सहित ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए धन्यवाद .........सामान्य भ्रान्ति जी नीलकंठ का गला नीला होता है किन्तु यहाँ स्पष्ट किया की इस पक्षी के पर नीले होते है गला नीला वाला एनी पक्षी होता है वाह .....
जवाब देंहटाएंपक्षियों और पर्यावरण से सम्बंधित लाभप्रद जानकारीया उपलब्ध करायी आपने ..उत्तम कार्य ... शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंबढियां
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