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मंगलवार, 20 मार्च 2012
सोन चिड़िया : जो न बन पाई राष्ट्रिय पक्षी
मित्रो नमस्कार,
आज मैं फिर से उपस्थित हूँ , अपनी पक्षी श्रृंखला में गौरैया, गिद्ध, कौआ, दूधराज, नीलकंठ के बाद आपको एक भारतीय मनमोहक चिड़िया सोन चिड़िया से रु-ब-रु करने के लिए । सोन चिड़िया को जिन्होंने नही देखा वे उसके नाम के कारन ये सोचते है , कि ये कोई छोटी सी चिड़िया होगी । मगर आपको बता दूं कि सोन चिड़िया भारत ही नही दुनिया कि सबसे बड़ी उड़ने वाली चिड़िया है । यह आकर में काफी बड़ी होती है , ये आप चित्र देख कर समझ गये होंगे । सोन चिड़िया आज विलुप्त होने के कगार पर खड़ी है। यह पहले भारत में बहुतायत से पाई जाती थी । मुग़ल बादशाह बाबर ने अपनी आत्म्काथ 'तुजुक-ऐ-बाबरी' में सोंचिदिया कि ख़ूबसूरती के बारे में लिखा है । यह प्राचीन काल में सैनिको के जोर आजमाइश के लिए प्रयुक्त कि जाती थी । यह बहुत तेजी से भागती है , इसे भागते हुए देख कर आपको शुतुरमुर्ग का भ्रम हो सकता है । मगर शुतुरमुर्ग के विपरीत यह उड़ भी सकती है । इस कि ख़ूबसूरती के कारण ही इसका बड़ी तेजी से शिकार हुआ और यह आज लुप्त होने के कगार पर है ।इसकी संख्या मात्र २५० ही बची है । इसका शिकार इसके स्वादिष्ट मांस और खेलो के लिए किया गया। वैसे सोन चिड़िया का शिकार करना कोई आसन काम नही है , मगर भील आदिवासी इसमें सिद्धहस्त होते है । यह भारत में खुले घास के मैदानों में पाई जाती है । खास बात यह है कि जिन क्षेत्रो में कृष्ण मृग पाए जाते है , उन्ही क्षेत्रो में सोन चिड़िया भी पाई जाती है । इसका वैज्ञानिक नाम आर्दिओतिस नैग्रेसेप्स है , जबकि इसे अंग्रेजी में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड या इंडियन बस्टर्ड कहा जाता है । भूरे सुनहरे रंग के शरीर और गहरे रंग के पंखो वाली इस खूबसूरत चिड़िया को मशहूर पक्षी विज्ञानी सलीम अली ने इसे भारत का राष्ट्रिय पक्षी बनाने कि सिफारिश की थी , मगर मयूर से यह हार गयी और राष्ट्रिय पक्षी मोर को घोषित किया गया । यह सामान्यतः भारत और उससे लगे पाकिस्तान में पाई जाती है । मध्य प्रदेश के करेरा और घंतिगओं के अलावा गुजरात के नालिया अभ्यारण्य में इसके संरक्षण की व्यवस्था की गयी है । यह एक सर्वभक्षी पक्षी है , जो बीजो के अलावा कीट-पतंगों को भी खाता है । इसके सर पर काले रंग की टोपी इसे और भी खूबसूरत बनाती है । तो कैसी लगी सोन चिरैया से मुलाकात .............अगली बार मिलते है भारतीय साहित्य में लोकप्रिय पपीहा से
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orchha gatha
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सोन चिरैया के बारे मे जानकारीके लिये आभार
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंbahut achchhi jankari preshit ki hai aapne .sarthak post aabhar .NAVSAMVATSAR KI HARDIK SHUBHKAMNAYEN !shradhey maa !
जवाब देंहटाएंसोन-चिरैया से परिचय हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया जानकारी
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